धूल
धूल
बेशक तुझे दिए हुए
मेरे उस खत में धूल जम गई होगी
फिर भी तू उसे सभाल के रखी होगी
रोज उसे देखकर मेरा
चेहरा याद कररही होगी
तेरी आंखों से आंसू मेरे जज्बातों को
उस खत से मिटाने की
नाकाम कोशिश कर रहे होंगे।
फिर तेरा दिल मेरे साथ बिताये
उस लम्हे को याद कर रहे होंगे
फिर मेरी याद आ रही होगी।
बेसक मेरे दिए हुए उस खत में
धूल जम गई होगी
फिर भी तू उसे संभाल के रखी होगी।
