धुंए -का -व्यापार
धुंए -का -व्यापार
ज़हर उगलती चिमनियाँ और फैक्टरियां
खतरे में हैं न जाने कितनी ज़िंदगियाँ
नीले रंग का आसमान धुंए से भरा जा रहा है
इंसान खुद से खुद की होड़ किये जा रहा है
धुंए के इस गुबार में धुंधले हैं सपने
इसी भागमभाग में खो गए हैं मेरे अपने
ज़िन्दगी मिट्टी सी घुली जा रही है
वैश्विकता की छाप साँसों में बसी जा रही है।
