ध्रुवतारा बन जाएंगे
ध्रुवतारा बन जाएंगे
पुराना सब कुछ भुलाकर,
नए साल में कुछ ऐसा कर जाएंगे।
सपनों के पंख लगाकर,
आशाओं के फूल खिलाएंगे।।
हिम्मत की मशाल लेकर,
नदियों सा अविरल बहते जाएंगे।
हिमालय सा सीधा तनकर,
स्वाभिमान का अलख जगाएंगे।।
लक्ष्य भेदना ही लक्ष्य हमारा,
मंजिल को कदमों में झुकाएंगे।
कारवां चले संग हमारे,
नया साल हम ऐसा बनाएंगे।।
सही पथ पर चलकर,
भविष्य को उज्ज्वल बनाएंगे।
अनुशासन में रहकर,
जीवन को सफल बनाएंगे।।
लेकर मन में उमंग तरंग,
खुशियों की रश्मियां बिखेर जाएंगे।
मां बाप के सपने पूरे कर,
उनका ध्रुवतारा बन जाएंगे।।