धक्का तो न दीजिये dr arun kumar shastri
धक्का तो न दीजिये dr arun kumar shastri
दर्द को दर्द का एहसास हो ही जायेगा ।।
दर्द आखिर दर्द है नज़र आ ही जायेगा ।।
मुंतज़िर दर्द के रूप में धारणा उपजेगी ।।
नयनों से उस दर्द को इशारा हो ही जायेगा ।।
तुम खफ़ा न हो जाना मुझे अपने से दूर पा कर ।।
गर्दन झुका के देखने पर दीदार हो ही जायेगा ।।
नसीब होगा तो फिर मिलूँगा इंशाअल्लाह।।
पलट पलट कर वो तूफ़ान फिर से आएगा।।
दर्द को दर्द का एहसास हो ही जायेगा ।।
दर्द आखिर दर्द है नज़र आ ही जायेगा ।।
तखलिया कह कर प्यार को रुसबा न कीजिये ।।
एहतराम रखिये सुबह हुई है ग़ुसल कीजिये।।
मरहम न रखिये ज़ख्म पर कोई गिला नहीं।।
ख़ाकसार कम से कम धक्का तो न दीजिये।।
दर्द को दर्द का एहसास हो ही जायेगा ।।
दर्द आखिर दर्द है नज़र आ ही जायेगा ।।