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Mamta Rani

Romance Fantasy

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Mamta Rani

Romance Fantasy

धड़कता रहा मैं

धड़कता रहा मैं

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सुनने को बातें तुम्हारी, तरसता रहा मैं

गजलें प्यार के तेरी ही,  सुनता रहा मैं


इक अरसे से दिल को सुकून नहीं मिला

उस सुकून की तलाश में, भटकता रहा मैं


तेरे इक पल दीदार के लिये तरसी हैं आंखें

देखने को तुझे एक बार दिल, तड़पता रहा मैं


तेरे बिना अधूरा ये संसार, हर ख्वाब अधूरे हैं

मिलने को आस में तेरी, दर-बदर भटकता रहा मैं


दर्द का सैलाब था, चीखती खामोशियों का शोर था

बेसुध था फिर भी दिल में लिए तुझको, धड़कता रहा मैं


जिंदगी की सफर में तो जिंदगानी ही दूर हो गयी

जिसके सबसे पास था, अब दूर उससे मरता रहा मैं


दिल ही दिल में बातें अब दिन रात करता हूँ उससे

'रानी' बना उसे दिल में बसा हमेशा फिरता रहा मैं



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