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V. Aaradhyaa

Inspirational

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V. Aaradhyaa

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देव दीवाली का प्रावधान

देव दीवाली का प्रावधान

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लक्ष्मी जी का पूजन हो रहा,सकल देश में प्रसार ;

माता वैभवी से विनय करें,शोभित रखिए संसार !


अंधकार के पथ में जलाएं ज्ञान का प्रखर ज्योत ;

द्वेष,दर्प ,कुंठा मिटे,प्रेम की बाती से हों ओतप्रोत !


भाव दया का हिय राखिए,सदकर्म करें मनोयोग ;

कटुता का तम उर से मिटे,आपस में करें सहयोग !


ज्ञान, बुद्धि में सब आगे बढ़ें,सद्गुण की सजे कतार ;

राष्ट्रप्रेम का ध्यान सदा रहे,दीपों का धवल त्यौहार !


वाणी सबकी हो मृदु मधुर ,तभी कहलाएं विद्वान ;

मातु पिता की सदा सेवा करें,संतान का धर्म प्रधान !


बहुधा समझ नहीं पाते लोग,क्या सार सनातन धर्म ;

अपने संस्कारों की पूंजी सहेजें समझे दूसरों का मर्म !


देव दिवाली आज मनाइए, करिए सारे विधि विधान ;

अंधकार पर प्रकाश की विजय का,ये पर्व है प्रावधान !


असत्य सदा हारता आया है, होती रही सत्य की जीत ;

इस दीपोत्सव त्यौहार के मूल में,यह व्यंजना है प्रतीत !


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