देश
देश
हरा भरा है देश हमारा।
प्यार सभी से करने वाला।
मन सबका यह मोह लेता है,
विविध रंग है भरने वाला।
प्यारा प्यारा देश है अपना।
प्यारा है हर सपना अपना।
आजादी के पंख लगा कर,
करते है हर पूरा सपना।
स्वच्छंद परिंदे घूम रहे हैं,
रातों में जुगनू चमक रहे हैं।
मस्ती में सब डूब पखेरू,
हर डाली में चहक रहे हैं।
कल कल करके नदियाॅ॑ बहती,
पर्वत से नीचे को गिरती।
मीठा मीठा लेकर जल अपना,
जगह जगह पर विचरण करती।
आन बान और शान की खातिर।
सीमा पर खड़े हैं सैनिक आखिर।
देश की खातिर मर मिटने को,
हर मुश्किल सहते वह आखिर।