देश का भविष्य
देश का भविष्य
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दरबदर भटक रहा है
अपने देश का भविष्य
लाखो जिल्लतें सह रहा है
अपने देश का भविष्य
यह जंग है
अपनो की नजर से
अपने आप से नजर मिलाने की
अच्छे दिनो मे क्या
बस यही दिन देखना बाकी रह गया है?
जीने की कोशिश मे हर एक दिन जिंदगी
एक नये रूप मे दस्तक देती है
कभी भूख,शिक्षा,तो कभी जिने पे सवाल उठाती है
कहा है रोजगार,महाशक्ती के सपने
सर उठा के जीने के बुलंद रास्ते
क्या अच्छे दिनो मे अब
रास्ते पे आना बाकी रह गया है.....