दौड़
दौड़
शीशे सी हो गई है जिंदगी।
टूट कर बिखर न जाए कहीं ।
वक्त से लड़ रही है जिंदगी ।
वक्त भी छूट न जाए कहीं।
यादें बनने लगी है फिर से।
दौड़-धूप भरी जिंदगी की दौड़
पीछे छूट रही है।
रास आ रही है जिंदगी।
हालात तंग है लेकिन,
अपनों को अपनों के पास
ला रही है जिंदगी ।।