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Anjali Singh

Abstract

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Anjali Singh

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दायरे

दायरे

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दायरे दोनों के दरमियान दायरे 

फासले मंज़िलों को मिलने न दे 

बेवजह है कई वजह बढ़ने ना दे जो कदम 


मैं यहाँ तू वहां दिल ये ढूंढे फलक पर जहान 

जाने कैसा फलक जाने कैसा निशान 

रेत पर लिख दिया है हमने अपना नाम 

कब आ कर कोई मिटा दे इसे कोई 


कह भी पाए ना फिर के किसके थे ये निशान 

दायरे दोनों के दरमियान दायरे 

फासले मंज़िलों को मिलने न दे


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