STORYMIRROR

Rahul verma (Rv)

Inspirational

3  

Rahul verma (Rv)

Inspirational

दादा जी

दादा जी

1 min
171

पौधा अच्छे से उग नहीं सकता, बिना खाद

याद आता है मुझे आपके हाथों से खिलाए खाने का स्वाद,


निकल चुका हुआ जीवन के सफर पर होने आबाद

बस बची यही मेरी आखिरी मुराद


काश फिर से मिल पाता आपका आशीर्वाद।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational