अकेला
अकेला
दिन शुरू होता है हर रोज
कुछ नया करने का होता है बोझ,
जब भी कुछ नया करना चाहेगा
खुदको अकेला ही पाएगा,
और जिस–जिस के आज गीत गाएगा
वो ही तेरी खुशी में नहीं आयेगा,
जब भी सफलता की सीढ़ी चढ़ते जायेगा
तो खुदको अकेला ही पाएगा,
अगर आज मानेगा हार तो कल क्या खायेगा।।