चोरी करना बुरी बात हैं
चोरी करना बुरी बात हैं
चोरी करना बुरी बात हैं,
जीवन में कभी ना कभी,
व्यक्ति चोरी करता है,
और रोता है अथवा हंसता है।
जब चोरी पकड़ी जाती हैं तो,
लोग व्यक्ति को सुधारने का मौका दे हैं,
यह मौका हैं या मजाक हैं,
लोग खुद ही समझ ना पाते है ।
मौका देने के बाद भी ताने देने से बाज ना आते हैं,
बुरी नजर से देखते हैं और शोर मचाते हैं,
कभी पूछने का प्रयत्न क्यों नहीं करते हैं,
किन कारणों से यह कार्य करना पड़ा था तुम्हें,
अगर कोई व्यक्ति कारण समझा भी दे तो,
कारण समझ ना पाते हैं,
क्योंकि चोरी करना बुरी बात है,
अपनी जीवन में वह इतने मस्त है,
कि इस कारण को समझने में असक्षम हैं,
चोरी पर गीत सुनाते हैं औरों को यही बात बतलाते हैं,
क्यों ना उससे अपनी हित में बात रखने देते हैं,
उस व्यक्ति को रोज रुलाते हैं और रोज ही ताने सुनाते हैं।
बेइज्जत करने से भी बात ना आते हैं,
नफरत भरी निगाहों से देखते हैं,
और अंत में वह व्यक्ति मौत को अपनाता है,
क्योंकि चोरी करना बुरी बात है।।
-----------------------------------------------प्रीतम कश्यप------------------------------------------------
