चलता चला गया
चलता चला गया
जिंदगी की राह पर
चलता चला गया
राह की मुश्किलों से
लड़ता चला गया
सोचा था मेरे दुश्मनों ने
मंज़िल कहां ये पाएगा
थक- हार कर एक दिन
वापस आ जाएगा
पर मैंने भी कभी हार न मानी
मुश्किलों से हमेशा लड़ने की ठानी
देख हौसले मेरे कुहासा राह का
छंटता चला गया
मंज़िल दिखी सामने
और मैं बढ़ता चला गया।