STORYMIRROR

Sunil Kumar

Inspirational

2  

Sunil Kumar

Inspirational

चलता चला गया

चलता चला गया

1 min
3.1K

जिंदगी की राह पर

चलता चला गया

राह की मुश्किलों से

लड़ता चला गया

सोचा था मेरे दुश्मनों ने

मंज़िल कहां ये पाएगा

थक- हार कर एक दिन

वापस आ जाएगा


पर मैंने भी कभी हार न मानी

मुश्किलों से हमेशा लड़ने की ठानी

देख हौसले मेरे कुहासा राह का

छंटता चला गया

मंज़िल दिखी सामने

और मैं बढ़ता चला गया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational