STORYMIRROR

The Unknown Artist

Children Fantasy Inspirational

3  

The Unknown Artist

Children Fantasy Inspirational

चलो वहीं चलते हैं।

चलो वहीं चलते हैं।

1 min
26.1K


चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम खेला करते थे।

बचपन में जिन गलियों में।

जहाज़ हमारे चलते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम रोया करते थे।

जहाँ चुप होने के बदले।

चाॅकलेट हमको मिलते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम खोने से डरते थे।

और इस डर के चक्कर में।

हाथ पकड़ने को मिलते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम थक जाया करते थे।

जहाँ बैठने को हमको।

दो कन्धे मिल जाया करते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम शरारत करते थे।

और सब लोगों के चेहरे।

ख़ुशी से खिल जाया करते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ बड़े होने की ज़िद थी।

जहाँ भयानक सपनों को हम।

अच्छा समझा करते थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ से क़दम क़दम चले थे।

फिर उन्हीं गोदों में वापस।

जिन गोदों में पले थे।।

 

चलो वहीं चलते हैं।

जहाँ हम छोटे बच्चे थे।

फिर उसी समय में वापस।

जब दाँत हमारे कच्चे थे।।

 

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children