Bharti Paliwal
Tragedy
खाली पड़े इन पन्नों,
में फिर से एक नई,
जान डालते हैं,
उन किताबों पर जमी,
धूल को फूंक मारकर,
उड़ाते हैं।
कलम को पकड़कर,
दिल की गहराइयों को,
टटोलकर, फिर एक नई
शुरुआत करते हैं,
चलो कुछ लिखते हैं।
चलो कुछ लिखते...
वो एक दिन बन सकते, सुरेश के भी सुरेश परहित करने से मिटता है, अंदर का क्लेश वो एक दिन बन सकते, सुरेश के भी सुरेश परहित करने से मिटता है, अंदर का क्लेश
एक शब्द की आड़ में, दिल की कहानी है, चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है। एक शब्द की आड़ में, दिल की कहानी है, चुप रह कर भी, चैन कहाँ मिलता है।
अच्छा हुआ जो वक़्त ने चुप रहना सीखा दिया, जी हाँ, आखिर मैंने भी अब जीना सीख ही लिया। अच्छा हुआ जो वक़्त ने चुप रहना सीखा दिया, जी हाँ, आखिर मैंने भी अब जीना सीख ही...
जिनसे दोस्ती थी, वो दुश्मनों में हुए शामिल अब पराए भी देखते है जैसे, नही मैं किसी काबिल। जिनसे दोस्ती थी, वो दुश्मनों में हुए शामिल अब पराए भी देखते है जैसे, नही मैं...
बिना बताए, चुप चाप रातों रात चले जाने का रिवाज इतिहास में नया नहीं है। बिना बताए, चुप चाप रातों रात चले जाने का रिवाज इतिहास में नया नहीं है।
चेहरे पर लीपापोती की खूबसूरती है, और मन की खूबसूरती से परे हैं हम। चेहरे पर लीपापोती की खूबसूरती है, और मन की खूबसूरती से परे हैं हम।
परिवार के लिए तुम नहीं करोगे तो और कौन ये करेगा परिवार के लिए तुम नहीं करोगे तो और कौन ये करेगा
मैं हूं बृद्ध और जिंदगी जी रहा हूँ , अब नहीं हैं किसी को जरूरत मेरी। मैं हूं बृद्ध और जिंदगी जी रहा हूँ , अब नहीं हैं किसी को जरूरत मेरी।
खुशियों का कब कहां ठिकाना था सब झूठ और वहम का फ़साना था। खुशियों का कब कहां ठिकाना था सब झूठ और वहम का फ़साना था।
भारतीय संस्कृति में नारी को देवी, लक्ष्मी माना जाता है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी, लक्ष्मी माना जाता है।
जग का सारा आनंद लगे, मोबाइल तेरे चरणों में ।। जग का सारा आनंद लगे, मोबाइल तेरे चरणों में ।।
लड़के हैं, चलो अकेले में रो लेते हैं, बहुत दिल दुखाया है दुनिया ने। लड़के हैं, चलो अकेले में रो लेते हैं, बहुत दिल दुखाया है दुनिया ने।
एक नारी जीवन के जहर का कितना घूट पीना पड़ा। एक नारी जीवन के जहर का कितना घूट पीना पड़ा।
ज़रा जानवरों से सीखिये, जो इंसानों की तरह सभी को दिखाकर नहीं रोता। ज़रा जानवरों से सीखिये, जो इंसानों की तरह सभी को दिखाकर नहीं रोता।
दीवाली पटाखे फोड़ कर दुनिया को अंतिम पड़ाव पर लाना सही नहीं, दीवाली पटाखे फोड़ कर दुनिया को अंतिम पड़ाव पर लाना सही नहीं,
तब पहली बार मुझे अपने स्त्री होने पर बड़ा गुस्सा आया था.... तब पहली बार मुझे अपने स्त्री होने पर बड़ा गुस्सा आया था....
बादलों का मिजाज आजकल बदला-बदला है। बादलों का मिजाज आजकल बदला-बदला है।
यह युद्ध है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा। यह युद्ध है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा।
मैं भी भाग ना पाई इस पिंजरे से कभी, और बस ऐसे ही पंख फड़फड़ा कर रह गई, मैं भी भाग ना पाई इस पिंजरे से कभी, और बस ऐसे ही पंख फड़फड़ा कर रह गई,
अब जो देखता हूँ खुद से भी ज्यादा निराशा भरे लोग अब जो देखता हूँ खुद से भी ज्यादा निराशा भरे लोग