चलो कुछ लिखते हैं
चलो कुछ लिखते हैं
खाली पड़े इन पन्नों,
में फिर से एक नई,
जान डालते हैं,
उन किताबों पर जमी,
धूल को फूंक मारकर,
उड़ाते हैं।
कलम को पकड़कर,
दिल की गहराइयों को,
टटोलकर, फिर एक नई
शुरुआत करते हैं,
चलो कुछ लिखते हैं।
खाली पड़े इन पन्नों,
में फिर से एक नई,
जान डालते हैं,
उन किताबों पर जमी,
धूल को फूंक मारकर,
उड़ाते हैं।
कलम को पकड़कर,
दिल की गहराइयों को,
टटोलकर, फिर एक नई
शुरुआत करते हैं,
चलो कुछ लिखते हैं।