चिट्ठी
चिट्ठी
मैंने चिट्ठी के जवाब में
सब खैरियत ही लिखा था
और वो पढ़ कर खत
मेरी मदद को आ पहुंचे।
बड़े नसीब से मिलते हैं
लोग ऐसे जो लफ़्ज़ों
की स्याही से भी हाल
दिल का जान जाते हैं।
मैंने चिट्ठी के जवाब में
सब खैरियत ही लिखा था
और वो पढ़ कर खत
मेरी मदद को आ पहुंचे।
बड़े नसीब से मिलते हैं
लोग ऐसे जो लफ़्ज़ों
की स्याही से भी हाल
दिल का जान जाते हैं।