चित्र का रहस्य
चित्र का रहस्य
जिंदगी का गूढ़ रहस्य मार्मिकता के साथ सब ने समझाया होगा।
सिर्फ भगवान ही आपको भी बचाने आयेंगे।
यह कहकर
धर्म के व्यापारियों ने अपना व्यापार बढ़ाया होगा।
पूर्व जन्म के कर्म,भविष्य के कर्म कह कर मन को उलझाया होगा।
वर्तमान जिंदगी कैसे जी रहा है।
जिंदगी ने हर किसी को इसी तरह पेड़ से लटकाया होगा।
समस्याओं से घिरे हर इंसान को बचा लो......भगवान
कहकर भगवान को भी चाहे बुलाया होगा।
लेकिन भगवान भी शायद अपनी मर्जी से देर ही से आया होगा।
हर तरफ दुनियां जहां मौत खड़ी है।
शहद टपकता नहीं छत्ते से यह भी बात सुनी है।
यह तो एक मोह जाल है उम्मीदों का।
जो हर इंसान को दिखाया होगा।
उसने हरदिल को भरमाया होगा।
जिंदगी इसी खींचातानी में निकल जाती है।
जिंदगी मिलती ......तो है।
लेकिन कदम -कदम पर सिर्फ मौत ही आती है।
जिंदगी देकर मौत के दलदल में .......जब फेंक ही दिया।
मत कहो !!!!!!दुःखी हो ......तुम।
तुमनें भगवान को याद नहीं किया।
भगवान तो हर सांस में याद आता है।
जिंदगी को किस अधर में इस तरह लटका दिया।
फिर भी जिंदगी के सपने दिखाने से बाज नहीं आता है।