चिड़िया की सीख..!
चिड़िया की सीख..!
1 min
275
ची ची चूं चूं चिड़िया आकर
गीत हमेशा गाती है
फुदक फुदक कर यहां वहां
फुर्र फुर्र उड़ जाती है।
छोटे छोटे तिनके लाकर
नीड़ अपना बनाती है
उछल उछलकर सबका फिर
ये दिल भी बहलाती है।।
कभी पेड़ पर नाचती
कभी बूंद चोंच पे भरती है
इधर उधर मंडराती रहती
जाने क्या क्या कहती है।
रहो सदा संतोषी हरदम
जो मिले बांटकर खाओ तुम
बात बात पर लड़कर अपना
मूल्यवान समय ना गंवाओ तुम।।
आसमान में उड़ती रहती
यही सीख दे जाती है
नही किसी से द्वेष रखो तुम
हम सबको सिखलाती है।