"छठ पर्व"
"छठ पर्व"
आज छठ का है,पर्व बहुत ही प्यारा
इसदिन सूर्य लगता आंखों का तारा
करता पूजा दिवाकर की हिंद सारा
छठ मैया बांधे,रवि रक्षासूत्र प्यारा
जब डूबा था,पांडव राज-वैभव तारा
तब द्रोपदी ने किया छठव्रत निराहारा
पाया,राज-वैभव जो था जुए में हारा
छठ मैया ने रवि को भाई है,स्वीकारा
आओ लगाये,रवि,छठ मां जयकारा
पवित्र स्नान करे,हम नदिया की धारा
अपनी संस्कृति सहेजे,ये फर्ज हमारा
मन मेल धो,मिटा दे,सब द्वेष अंधकारा
हमारी संस्कृति का फैलाती है,भाईचारा
इस के लिये पर्व,उत्सवों का लिया सहारा
आओ हम भी फैलाये बन्धुत्व उजियारा
जो सुख-शांति का प्रतीक है,इस संसारा।
