Shailaja Pathak
Comedy
वो घूम रहा था मेरे सर पे,
सुदर्शन चक्र की तरह,
ना खुद सो रहा था,
ना मुझे सोने दे रहा था।
रामायण में मह...
मै नदी हूं
बोलो ना
अंगूठी
मेरा चांद
रेल की पटरी
कृति
मैं और तुम
अंगारे
यादें
नू बता दे ट्रांसफर देवता, तनै किस तरिया मनाऊँ ? नू बता दे ट्रांसफर देवता, तनै किस तरिया मनाऊँ ?
अरे, फुर्ती से भी फुर्तीले हम दोनों हैं मतवाले कहते सब यही। अरे, फुर्ती से भी फुर्तीले हम दोनों हैं मतवाले कहते सब यही।
ऐसे कुमति लोगों को, सुमति दो सर्वेश।। ऐसे कुमति लोगों को, सुमति दो सर्वेश।।
चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । निष्ठुरता ने मानवता को, मार दिया खूनी ख़ंजर । चीख उठी है स्वयं वेदना, देख क्रूरता के मंजर । निष्ठुरता ने मानवता को, मार दि...
जो ना सामने वाले को परेशान करे। ना तुम को शर्मसार करे। जो ना सामने वाले को परेशान करे। ना तुम को शर्मसार करे।
किसी तरह घर का खर्चा तो चले पिताजी की चिट्ठी कई किसी तरह घर का खर्चा तो चले पिताजी की चि...
अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल अपनी व्यस्तता का बजाते थे जो पहले ढोल कितनी फिक्र है आपकी खुली उनकी पोल
रस्म-ए-दुनिया का करते रहे पास वो, यूँ जमाने के मासूम वो डर में रहे। रस्म-ए-दुनिया का करते रहे पास वो, यूँ जमाने के मासूम वो डर में रहे।
अच्छी-अच्छी जड़ी बूटियां, जंगल से वह लाता। अच्छी-अच्छी जड़ी बूटियां, जंगल से वह लाता।
अपने इस आँगन पर करना तू पूरा विश्वास। अपने इस आँगन पर करना तू पूरा विश्वास।
भटकाव है संस्कृति सभ्यता और संस्कारों से इंसान से नहीं बच रहा इंसान के प्रहारों से.. भटकाव है संस्कृति सभ्यता और संस्कारों से इंसान से नहीं बच रहा इंसान के प्रहार...
घर में आता है सामान , दो दिन रहता बालकनी में, वो बन के मेहमान घर में आता है सामान , दो दिन रहता बालकनी में, वो बन के मेहमान
धर्म अनेक, ईश्वर तो एक है, नमन इन्हें। धर्म अनेक, ईश्वर तो एक है, नमन इन्हें।
कोरोना तुमसे नहीं डरते हम, हम में है तुमसे लड़ने का दम। कोरोना तुमसे नहीं डरते हम, हम में है तुमसे लड़ने का दम।
जय-जय बीड़ी भवानी, प्रबल धूम्रकारी। जय-जय बीड़ी भवानी, प्रबल धूम्रकारी।
मैं तुम्हारे लिए आसमान के तारे तोड़ लाऊंगा। मैं तुम्हारे लिए आसमान के तारे तोड़ लाऊंगा।
अब लगा हृदय से उनसे तुम बोलो प्रेम से मन समझाकर सहलाता उसको। अब लगा हृदय से उनसे तुम बोलो प्रेम से मन समझाकर सहलाता उसको।
पुराने मेसेज़ पे मुस्काती रही तुम्हारे हसीन शब्दों पे पुराने मेसेज़ पे मुस्काती रही तुम्हारे हसीन शब्दों पे
पड़े सामना सत्य से उनका, नौ दो ग्यारह वो जाए।। करके फौज। पड़े सामना सत्य से उनका, नौ दो ग्यारह वो जाए।। करके फौज।
पंकज खुशबू और ख्वाब बन कर, उन आँखों में रहते हैं। पंकज खुशबू और ख्वाब बन कर, उन आँखों में रहते हैं।