चौराहा
चौराहा
घर मेरा है चौराहे पर
छत पर मैं था सो रहा
उठा जब तो नीचे देखा
क्या वहां है हो रहा।
एक लड़का बाइक पे था
लाल बत्ती पार गया
हवलदार ट्रैफिक पुलिस का
सीटी मारी, पकड़ लिया।
दोनों मैं थी बहस भारी
कोई भी न मानता
पुलिस बोली ,गलती तेरी
मैं चालान हूँ काटता।
थोड़ी देर के बाद फिर वहां
बुजुर्ग एक था गाडी में
लाल बत्ती क्रॉस की
दिखा नहीं शायद उन्हें।
कहने लगे गलती है मेरी
जान के नहीं किया
हवलदार ने जाने क्यों
ऐसे ही जाने दिया।
एक लड़की स्कूटी पर
फिर लाल बत्ती से गयी
छोड़ दिया उसे ऐसे ही
स्माइल काम थी कर गयी।
काटे चालान कोई पैसे ले
ड्यूटी बदलती रहती है
देखो मुझे, रुक जाओ तुम
लाल बत्ती यही कहती है।
दिन में कितने किस्से जाने
पब्लिक पुलिस का ये मेल है
लाल बत्ती पर है दिखता
रोज का ये खेल है।