Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ajay Singla

Classics Inspirational

4  

Ajay Singla

Classics Inspirational

धुन्ध

धुन्ध

1 min
13


धुँधला धुँधला जगत दिख रहा 

धुँधली दिखती छटा भी तेरी 

मन में उठते विचार भी धुँधले

मन की आँखें प्रभु खोल तू मेरी।


विषयों में पड़ कर हृदय भी 

धुँधला हो गया मेरा सारा 

क्या पाप है, क्या पुण्य है 

मैं हूँ इस दुविधा का मारा।


किस पथ को चुनूँ, असमंजस में 

धुँधले दिखते पथ ये सारे 

जो पथ मेरे लिए बना हो 

हे भगवन, मुझको दिखला रे।


धुँधलापन मेरे तन मन का 

ना जाने ये कब छूटेगा 

मेरी मैं और मेरेपन का 

घमण्ड जो है , ये कब टूटेगा ।


धुँधली घनघोर काली रात ये 

दूर हटे ये घुप्प अंधेरा 

बीत जाए ये अंधकार घना

आए नया दिन, एक नया सवेरा।


धुँधली धरती, धुँधला आकाश और 

धुँधला ये सारा ब्रह्माण्ड है 

अस्पष्टा का राज्य सभी जगह 

देखना चाहता इनको स्पष्ट मैं।


दुःख - सुख की ये धुन्ध हटे और 

अब हो परमानंद की बारी 

ज्ञान की वर्षा करो प्रभु मेरे 

दूर करो तुम धुन्ध ये सारी।


Rate this content
Log in