भारतवर्ष
भारतवर्ष
धन्य धन्य ये देश है मेरा
जिसकी रक्षा करे हिमालय
साधु, संत इसकी धरोहर
धर्म की रक्षा करें देवालय।
धन्य गंगा, यमुना सी नदियाँ
पवित्र जल ले भरी हैं रहती
पुष्कर से निर्मल सरोवर
आस्था सदा इन सब में बहती।
धन्य राम धन्य कृष्ण हैं
धन्य बुद्ध, महावीर धन्य हैं
जन्म लिया भारत में जिन्होंने
वंदना करता उन सब की मैं।
धन्य केदार, धन्य रामेश्वरम
धन्य जगन्नाथ, बाला जी
बद्रीनाथ, द्वारका, अयोध्या
सँकरी गालियाँ श्री वृन्दावन कीं।
धन्य सनातन धर्म मेरा और
संस्कृति मेरे भारत की
धन्य सिद्ध, मुनियों की तपस्या
और प्रभु में निश्चल भक्ति की।
धन्य जो प्रभु कृपा रही मुझपर
मनुष्य जन्म इस वर्ष में पाया
चाहूँ हर जन्म यहाँ ही लूँ मैं
भारतवर्ष मुझको है भाया।