चांदनी बरसात
चांदनी बरसात
मौसम यूं बदलता है, गण गण घोर बरसाता है
धूप छांव का पल-पल का अंतर, खुशबू में घुलता जाता है।
सोंधी सी खुशबू हवा में, हरियाली चारों और छाई है
कशिश कैसी आज ये चांदनी बरसात लाई है
गिले शिकवे दिल के थे, सब बह गये इन बूंदों संग,
चाँद की चंचल किरनों ने, मन को लहराया हर्ष के संग।
नई भोर की ख्वाहिश में, हमने सजाया ये ख्वाब प्यारा,
इंद्रधनुष सा रंगीन होगा जीवन, सपनों का ये सफर निहारा।
