ज़िन्दगी ! कैसी है पहेली
ज़िन्दगी ! कैसी है पहेली
खवाइशें के भंवर मे कुछ इस कदर फंसे थे
राह कठिन थी , खाईयों से बच निकले थे
आगे भूल भुलैया थी, हम बीचों बीच खड़े थे!
खवाइशें के भंवर मे कुछ इस कदर फंसे थे
राह कठिन थी , खाईयों से बच निकले थे
आगे भूल भुलैया थी, हम बीचों बीच खड़े थे!