Tushar Chaudhary
Romance
क्यों देखूँ ए चाँद मैं तुझे,
मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है।
आँखें
कातिल
चाँद
शराब
ताजमहल
इश्क़
शहर आया तेरी दोस्ती के लिये बात कर ले मुझसे दो घड़ी के लिये । शहर आया तेरी दोस्ती के लिये बात कर ले मुझसे दो घड़ी के लिये ।
पनाह में तेरी इतना सुकून क्यूं है गालों पे लाली और आंखे नम क्यूं है। पनाह में तेरी इतना सुकून क्यूं है गालों पे लाली और आंखे नम क्यूं है।
क्योंकि मैंने प्रेम किया है इसीलिए,चरित्रहीन नहीं हो सकता मैं। क्योंकि मैंने प्रेम किया है इसीलिए,चरित्रहीन नहीं हो सकता मैं।
सांझ का रूप दिखलाता नभ, और उसके रंगों की सुन्दरता। सांझ का रूप दिखलाता नभ, और उसके रंगों की सुन्दरता।
मैं तो तुमसे सच्चा वाला इश्क़ करुँ पूछ कर करुँ, या बता कर करुँ। मैं तो तुमसे सच्चा वाला इश्क़ करुँ पूछ कर करुँ, या बता कर करुँ।
मैंने देखा है उसको, अक़्सर..... छत पर रात में, दबे पांव आते। मैंने देखा है उसको, अक़्सर..... छत पर रात में, दबे पांव आते।
कब बजेगी मेरे पैरों की पायलिया कब आएंगे मेरे पास मेरे सांवरिया कब बजेगी मेरे पैरों की पायलिया कब आएंगे मेरे पास मेरे सांवरिया
पूर्णिमा का चाँद चमकता गगन में, उसकी छिटकती चाँदनी आंगन में। पूर्णिमा का चाँद चमकता गगन में, उसकी छिटकती चाँदनी आंगन में।
दिल का हाल अब सारा बयां करना है, विरह आग में आधा आधा हम दोनों को जलना है।। दिल का हाल अब सारा बयां करना है, विरह आग में आधा आधा हम दोनों को जलना है।।
हर पग धरता संभल कर- स्वर व्यंजन की ढेरी है सोरी माने भोली या छोरी। हर पग धरता संभल कर- स्वर व्यंजन की ढेरी है सोरी माने भोली या छोरी।
सुबह मैं देर तक सोती रहूं, चाय बना तुम करना सूरज का स्वागत। सुबह मैं देर तक सोती रहूं, चाय बना तुम करना सूरज का स्वागत।
खाया जख्म ऐसा फिर हम संभल न पाये थाम गैर बाहे मेरे जख्मों नमक वो लगा रहे है खाया जख्म ऐसा फिर हम संभल न पाये थाम गैर बाहे मेरे जख्मों नमक वो लगा रहे है
और अपने वजूद का एहसास करना, बड़ा ही अजीबो गरीब सा लगता है। और अपने वजूद का एहसास करना, बड़ा ही अजीबो गरीब सा लगता है।
पहले मैं उनसे नाराज होती हूं फिर खुद से नाराज होकर रोती हूं । पहले मैं उनसे नाराज होती हूं फिर खुद से नाराज होकर रोती हूं ।
वो दिन आयेगा भी जरुर मैंने उम्मीदों का दीपक जला रखा है। वो दिन आयेगा भी जरुर मैंने उम्मीदों का दीपक जला रखा है।
जीवन का स्पंदन तुम, हृदय में बहते रक्तकण तुम। जीवन का स्पंदन तुम, हृदय में बहते रक्तकण तुम।
उसको बुनता रहा हूँ सदा गीत में शब्द से जो बनी है मेरी अल्पना। उसको बुनता रहा हूँ सदा गीत में शब्द से जो बनी है मेरी अल्पना।
मुझे समझ पाती दिल से तो, शायद कभी छोड़ के न जाते। मुझे समझ पाती दिल से तो, शायद कभी छोड़ के न जाते।
नजर में विज्ञान की उपलब्धियां हैं कामना में तुम हो ख्वाहिश भी तुम्हारी है। नजर में विज्ञान की उपलब्धियां हैं कामना में तुम हो ख्वाहिश भी तुम्हारी है।
वह सागर जैसे नैन तेरे, हर छोटी बात पर बह जाना। वह सागर जैसे नैन तेरे, हर छोटी बात पर बह जाना।