Tushar Chaudhary
Romance
क्यों देखूँ ए चाँद मैं तुझे,
मेरा चाँद तो मेरे पास बैठता है।
आँखें
कातिल
चाँद
शराब
ताजमहल
इश्क़
भीगने का इशारा किया तूने ,देख कैसे भीग गए हम. भीगने का इशारा किया तूने ,देख कैसे भीग गए हम.
जब पहली बार उससे मिली थी धड़कनें काफी हद तक बढ़ रही थी। जब पहली बार उससे मिली थी धड़कनें काफी हद तक बढ़ रही थी।
जो भी हुआ कोई खेद नहीं, बस इतना है संताप मुझे। जो भी हुआ कोई खेद नहीं, बस इतना है संताप मुझे।
स्वयं को भूल, अंजान राहों पर बढ़ना, और राह की ठोकरों से दो चार होना। स्वयं को भूल, अंजान राहों पर बढ़ना, और राह की ठोकरों से दो चार होना।
सपनों के बाजारों से जो यादों की सजती महफ़िल जो होता हैं दिल में ही कातिल सपनों के बाजारों से जो यादों की सजती महफ़िल जो होता हैं दिल में ही कातिल
झरोखों से तुमने मुझे झांका, मेरे अस्तित्व को जाने तुमने किन मूल्यों से आंका। झरोखों से तुमने मुझे झांका, मेरे अस्तित्व को जाने तुमने किन मूल्यों से आंका।
सर्दियों के बाद का वादा था निभाओगी ना आखिरी बार मिलन की ख्वाहिश है आओगी ना. सर्दियों के बाद का वादा था निभाओगी ना आखिरी बार मिलन की ख्वाहिश है आओगी ना.
बेइंतिहा दर्द देकर - मेरे अश्कों से सवाल करते हो. बेइंतिहा दर्द देकर - मेरे अश्कों से सवाल करते हो.
दर्द को दिल में छुपा कर हंस रहे हैं हम सगी़र। अब ख़ुशी में और ग़म में जंग जारी रह गई। दर्द को दिल में छुपा कर हंस रहे हैं हम सगी़र। अब ख़ुशी में और ग़म में जंग जार...
लिखा है मैने तेरे लिए, अल्फाज़ मेरी तुम जान जाना.... लिखा है मैने तेरे लिए, अल्फाज़ मेरी तुम जान जाना....
तेरे हुस्न का गम्माज तेरी प्यारी सी आंखें। तुझ पे हैं जा निसार तो दिलदार तो होगा। तेरे हुस्न का गम्माज तेरी प्यारी सी आंखें। तुझ पे हैं जा निसार तो दिलदार तो ह...
ये शिकयतों के लहजे भी अजीब हैं ,, जिनसे होती है ना वहीं दिल में रहते हैं। ये शिकयतों के लहजे भी अजीब हैं ,, जिनसे होती है ना वहीं दिल में रहते हैं।
सुनो प्रिय जबसे हमसफर बनी हो, खुशियों की बरसात होने लगी है. सुनो प्रिय जबसे हमसफर बनी हो, खुशियों की बरसात होने लगी है.
मन बंजारा झूम-झूम जब पीर गीत गाता था। मन बंजारा झूम-झूम जब पीर गीत गाता था।
एक मुलाकात में बात ही बात में दिल मेरा चुरा लिया। एक मुलाकात में बात ही बात में दिल मेरा चुरा लिया।
इंतजार की घड़ियाँ सरक रही हैं, नजरें ड्योढ़ी पर टिकी हुई हैं. इंतजार की घड़ियाँ सरक रही हैं, नजरें ड्योढ़ी पर टिकी हुई हैं.
मेरे खयालों में तू जलवा गर है। तेरा नाम लब पर तो शामो सहर है। मेरे खयालों में तू जलवा गर है। तेरा नाम लब पर तो शामो सहर है।
सुन मैडम भोली भाली सुन सुन मेरी ओ घरवाली। सुन मैडम भोली भाली सुन सुन मेरी ओ घरवाली।
विरह वेदना को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता हूं। जब भी प्रेम की बातें होतीं अबोल सा । विरह वेदना को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता हूं। जब भी प्रेम की बातें होतीं ...
घुटन, शिकस्त, तन्हाई का दौर जब तुम्हें सताएगा… घुटन, शिकस्त, तन्हाई का दौर जब तुम्हें सताएगा…