ताजमहल
ताजमहल


तुमसे ही मिले ज़ख्म, तुमसे ही इलाज़ हो,
मेरे लिए तो ताजमहल की तुम्ही मुमताज़ हो।
मेरी इस छोटी दुनिया की तुम तो सरताज हो,
मेरी हर प्रेम लफ्ज़ की तुम्ही एक अल्फ़ाज़ हो।
तुमसे ही मिले ज़ख्म, तुमसे ही इलाज़ हो,
मेरे लिए तो ताजमहल की तुम्ही मुमताज़ हो।
मेरी इस छोटी दुनिया की तुम तो सरताज हो,
मेरी हर प्रेम लफ्ज़ की तुम्ही एक अल्फ़ाज़ हो।