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आँखें

आँखें

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तेरी आँखों में यूं खोया मैं ,

कई रात तक नहीं सोया मैं ,


वो जादू ही कुछ ऐसा था,

आँखों ही आँखों में कुछ कहता था,


हर आईने में एक तस्वीर छपी थी,

हर ख़्वाब में एक तू ही बसी थी,


काश वो आँखें झूकी ना होती ,

ये दुर्घटना घटी ना होती,


कहीं वो ख़्वाब टूट ना जाए ,

जो आस लगी है वो छूट ना जाए,

कहीं, मेरी फिर ये भी कहानी

अधूरी ना रह जाए।


   


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