SHUBHAM KUMAR
Romance
मेरा हर दाग़-ए-दिल
कम नहीं चाँद से,
चाँदनी मेरे घर से
कहाँ जाएगी।
मेरी किस्मत में है
जो तुम्हारी कमी,
वो कमी मेरे दर से
कहाँ जाएगी ?
तू और मैं
चाँद
आधुनिक दोस्ती
तुम सोच नहीं सकती में कितना सोचता हूं तुम्हेंं। तुम सोच नहीं सकती में कितना सोचता हूं तुम्हेंं।
हर पल चाहत की बारिश में नहाते कटे ज़िंदगी इससे हसीन तो होगी ही नहीं। हर पल चाहत की बारिश में नहाते कटे ज़िंदगी इससे हसीन तो होगी ही नहीं।
इस तरह तो आसमां सर पर उठाया नहीं होगा । इस तरह तो आसमां सर पर उठाया नहीं होगा ।
तुझे अपने करीब छुपा के रख लूँ सनम तुझे सबसे बचाता ये दीवाना चला जा रहा है। तुझे अपने करीब छुपा के रख लूँ सनम तुझे सबसे बचाता ये दीवाना चला जा रहा है।
ये धड़कन जब तुम्हें देखकर ही धड़कती हो उस आलम में तुम्हीं कहो तुम्हें कैसे भूलाऊँ। ये धड़कन जब तुम्हें देखकर ही धड़कती हो उस आलम में तुम्हीं कहो तुम्हें कैसे भ...
मैं अतीत के कमरे से चुरा लाती हूँ तुम्हारी तस्वीर । मैं अतीत के कमरे से चुरा लाती हूँ तुम्हारी तस्वीर ।
पूजा जैसी लड़की मैंने देखी नही ऑखो की नजर तेरी हटती नहीं! पूजा जैसी लड़की मैंने देखी नही ऑखो की नजर तेरी हटती नहीं!
बस तुम्हारे झूठे इकरार ने इक सवाल किया... बस तुम्हारे झूठे इकरार ने इक सवाल किया...
तुम बेहतर नहीं हो मैंने सर पर चढ़ा रखा है देखो कभी आइना में मैंने तुमको बना रखा है । तुम बेहतर नहीं हो मैंने सर पर चढ़ा रखा है देखो कभी आइना में मैंने तुमको बना र...
देखने तुम्हारे बिना कैसे बदल जाता है संसार। देखने तुम्हारे बिना कैसे बदल जाता है संसार।
रह रह के न तड़पाओ ऐ बेदर्द मसीहा हाथों से मुझे ज़हर पिला क्यों नहीं देते रह रह के न तड़पाओ ऐ बेदर्द मसीहा हाथों से मुझे ज़हर पिला क्यों नहीं देते
उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगे हम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगे। उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगे हम कभी तो फिर से मोहब्बत करेंगे।
जब तन भी गर्म होता है, और मन भी गर्म होता है। जब तन भी गर्म होता है, और मन भी गर्म होता है।
याद आता बहुत है तेरा शर्म - ओ - हया से मुस्कुराना याद आता बहुत है तेरा शर्म - ओ - हया से मुस्कुराना
पर धागा धागा बिखर जाना कोई तुमसे सीखे। पर धागा धागा बिखर जाना कोई तुमसे सीखे।
सोने के झुमकों के वादे... और भी इस तरह के ढेर से वादे. सोने के झुमकों के वादे... और भी इस तरह के ढेर से वादे.
गर्मियां प्रतीक है विनाश और सृजन का। गर्मियां प्रतीक है विनाश और सृजन का।
मोती बनकर जो ठहर जाए आंखों में ऐसा प्यार कहा।। मोती बनकर जो ठहर जाए आंखों में ऐसा प्यार कहा।।
दिल आशना हुआ है तेरे प्यार का सनम। है इंतजार तेरे भी इक़रार का सनम। दिल आशना हुआ है तेरे प्यार का सनम। है इंतजार तेरे भी इक़रार का सनम।
लफ़्ज़ों के खेवैया होना इतना आसान थोड़ी ना हैl लफ़्ज़ों के खेवैया होना इतना आसान थोड़ी ना हैl