चाँद के झूले में
चाँद के झूले में
चाँद के झूले में
बिन डोरी झूल लूँ
फिर कोई जादू की झड़ी घुमाकर
सितारों पर जाऊं
कोई प्यारा सा गीत गाऊँ
बादलों में कभी उड़ जाऊं
जमीन से कही दूर हो जाऊं
सातों आसमानों की सैर कर लूं
ऐसी कोई पंख लगा लूँ
परियों के देश जाकर
उनके रूप रंग चुरा लूँ
कभी फूलो से मिलकर
उनकी खुशबू तन मन में भर लूँ
मछलियों सी कभी
जल क्रीड़ा करूँ
गहरे समंदर में जाकर
एक आशियाना बनाऊं
एक ऐसा संसार भी बनाऊं
जहां प्रेम की बोली हो
तनिक भी दुख दर्द न हो
चहूँ ओर खुशहाली हो....