say good to other's . everything comes back
जीवन संतप्त हो जाता है इच्छाओं की ये मकड़जाल हमें उन्मुक्त जीने देती नहीं जीवन संतप्त हो जाता है इच्छाओं की ये मकड़जाल हमें उन्मुक्त जीने देती नहीं
कहाँ है मानवता कहाँ है संवेदनशीलता। कहाँ है मानवता कहाँ है संवेदनशीलता।
सातों आसमानों की सैर कर लूं ऐसी कोई पंख लगा लूँ सातों आसमानों की सैर कर लूं ऐसी कोई पंख लगा लूँ