चाहत
चाहत
इतने भी अंजान नहीं हैं
दुनियां मे पहचान नहीं हैं
सुकून भरी जिंदगी अपनी
बड़े कोई सपने नहीं हैं
हुनर बहुत छुपा दिल में
सबकी तो पहचान नहीं है
सह जाते तेरे सारे शिकवे गिले
उनकी मगर जुबान नहीं है
तुम चाहो ऐसा हो
विनती है फरमान नहीं है
थोड़ी तो पहचान है
दुनिया मे गुमनाम नही है।
दिल की दलानो की दस्तक सुन लो
इतने बुरे भी इंसान नही है।
चाहे उम्र भर ,ऐसे चाहो गर तुम
ऐसे लगते हालात नही
वादा निभाऐ ता उम्र
अरमान यही है।
तुम चाहो या नही
ऐसा हो .......
मुमकिन भी नही है।।