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Akansha Rupa chachra

Romance

4.5  

Akansha Rupa chachra

Romance

चाहत

चाहत

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280



इतने भी अंजान नहीं हैं

दुनियां मे पहचान नहीं हैं

सुकून भरी जिंदगी अपनी

बड़े कोई सपने नहीं हैं

हुनर बहुत छुपा दिल में

सबकी तो पहचान नहीं है

सह जाते तेरे सारे शिकवे गिले 

उनकी मगर जुबान नहीं है

तुम चाहो ऐसा हो 

विनती है फरमान नहीं है

थोड़ी तो पहचान है  

दुनिया मे गुमनाम नही है।

दिल की दलानो की दस्तक सुन लो

इतने बुरे भी इंसान नही है।

चाहे उम्र भर ,ऐसे चाहो गर तुम

ऐसे लगते हालात नही

वादा निभाऐ ता उम्र 

अरमान यही है।

तुम चाहो या नही 

ऐसा हो .......

मुमकिन भी नही है।।



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