बूंदे
बूंदे
ये बारिश की बूंदे अक्सर हमें जिंदगी जीना सिखा जाती हैं,
हर बूंद अपना नसीब ले कर आती है।
बूंद मिट्टी मै गिरे तो फसलें सींच जाती है,
बूंद मटके मै गिरे तो प्यास बुझा जाती है,
बूंद प्रेमी पे गिरे तो प्यार जगा जाती है,
बूंद चहरे पे गिरे तो आंसू छिपा जाती है,
कहीं किसी कोने मै ठहर आइना बन जाती है,
या पैरों मै छम छम करता घूंगरु बन जाती है,
चंद लम्हों मै एक जिंदगी जी जाती हैं,
बहुत अजीब हैं ये बूंदे, हर रूप मै ढल जाती हैं।