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सूर्यदीप कुशवाहा

Inspirational

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सूर्यदीप कुशवाहा

Inspirational

बुढ़ापे की सनक

बुढ़ापे की सनक

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बूढ़ा हो गया हूँ जरूर

है दिल अभी जवान

काम अभी करने पूरे है

युवाओं सा जोश है

बस यह शरीर बूढ़ा है

हौसला अभी युवा है

उम्र का तज़ुर्बा है

हर काम में सफलता है

जो भी करता हूँ

पूरा मैं करता हूँ

लोग कहते है

बूढ़ा सनक गया है

फिर भी घबराता नहीं

लोगों का काम है कुछ कहना

लेकिन मेरा काम है अपने धुन में रहना

बूढ़ा हूँ जरूर

पर असंभव को संभव कर देता हूँ



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