मैं सूर्यदीप कुशवाहा हूँ | रचनाएँ -मेरी रचनाएँ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती है (दैनिक जागरण, अमर उजाला, दैनिक वर्तमान अंकुर, आदि ) मुझे साहित्य सेवा करना बहुत अच्छा लगता है |
मंजिल तक पहुंचूंगा जरूर फौलादी इरादा है पहुंचना है गंतव्य पर घबराना नहीं मंजिल तक पहुंचूंगा जरूर फौलादी इरादा है पहुंचना है गंतव्य पर घबराना नही...
हौसला अभी युवा है हौसला अभी युवा है
सबरी माँ तू महान हो रामराज्य की पहचान हो। सबरी माँ तू महान हो रामराज्य की पहचान हो।
दुनिया में कुछ हटकर मैं कर जाऊं कामयाबी की कहानी लिख जाऊं। दुनिया में कुछ हटकर मैं कर जाऊं कामयाबी की कहानी लिख जाऊं।
दुनिया में बच्चे जब सपना देखें सफलता के सपने में मैं ही आऊं दुनिया में बच्चे जब सपना देखें सफलता के सपने में मैं ही आऊं