सबरी के प्रभु राम
सबरी के प्रभु राम
भक्त और भगवान के बीच
अलौकिक है सम्बन्ध
प्रमाणित करता रामायण का यह प्रसंग
भक्ति के शक्ति से ही होता है संगम
कुटिया में है
सबरी इंतजार में बैठी पड़ी
वो वर्षो से किसी का राह तक रही।
इसलिए शायद कुटिया में ज्यादा रह रही
रोज मीठे बेर चुनकर ला रही थी
वो जानती थी वो आएंगे
उसका विश्वास अडिग था।
वो बड़बड़ा रही थी मेरे प्रभु आएंगे
सबरी का जीवन सफल हो जाएगा
आज भी इसी विश्वास में कुटिया में बैठी थी
उसका मन कह रहा हो जैसे
उसके प्रभु आ रहे हो अब।
यह भक्त और भगवान का जुड़ाव ही तो था
शीतल पवन भी चलने लगा तीव्र
सबरी को प्रभु के आने का आगम हुई
व्याकुल मन से कुटिया के द्वार पर खड़ी हुई
अचानक उसके नैनों में एक कौतुहल नजर आई।
दूर दो मनुष्य आकृतियां हिलती हुए नजर आयीं
उत्सुकतावस सबरी टकटकी लगाए देखती रही
जब पास आकर दोनों ने प्रणाम किया तब
सबरी ने पूछा कौन हैं आप दोनों महानुभाव
बोले मैं राम हूँ माँ और यह मेरा छोटा भ्राता लक्ष्मण।
यह शब्द सुनते ही सबरी भावुक हो उठी
बोली अरे पुरषोत्तम राम आए हैं
मेरी कुटिया के भाग्य जाग उठा
आपकी राह वर्षो से देख रही थी मैं
राम बोले माता मैं कैसे न आता।
वचन दिया था मैंने माता
मुझे तो आना ही था
सबरी की आंखों से अश्रुधारा बह निकली
राम के पैरों अश्रुओ से धोकर बोली
सचमुच पुरषोत्तम राम हो
सारा जग यह याद रखेगा श्री राम ।
सबरी बेर वाली टोकरी उठा लाई
बोली प्रभु मैं मीठे बेर आपके लिए रोज लाई
बेर चख कर प्रभु राम को खिलाई
लक्ष्मण चकित रहकर सब देख सुन रहे थे
सोच भी रहे कुछ मन में
जूठे बेर लक्ष्मण बाहर फेंक रहे थे।
सबरी के हाथों से बेर
राम बड़े चाव से खा रहे थे
सबरी खट्टे बेर चख कर एक तरफ रख दे रही थी
मीठे बेर ही खिला रही थी।
भक्त और भगवान के बीच भक्ति का अनोखा संगम
प्रभु राम के ललाट पर एक तेज था
सबरी बोली बेर कैसे थे प्रभु
पुरषोत्तम राम बोले अमृत के समान माँ
माँ बेर खाकर मैं तृप्त हुआ।
माँ युगों युगों तक याद रहेगा आज
रामराज्य का संदेश दिया मैंने आज
तुम साक्षी हो माँ
अगर शासक पैदल चलकर अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे
यही रामराज्य है माँ।
तुम्हारी भक्ति की ही शक्ति है
भगवान को मनुष्यरूप में आना ही पड़ा माँ
प्रभु राम सबरी से बोले
तुम जैसे भक्त ही मेरी पहचान हो
मेरा भी उद्देश्य पूर्ण हुआ माँ।
हाथ जोड़कर सबरी बोली
मेरा जीवन सफल हुआ श्री राम
भगवान राम बोले
सबरी माँ तू महान हो
रामराज्य की पहचान हो।