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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बुरा समय है हंसकर गुजार लिया करो

बुरा समय है हंसकर गुजार लिया करो

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बुरा समय है तो हंसकर गुजार लिया करो

शूल लगा हो पांव में फूल देख लिया करो


सुहाना और मस्ताना मौसम फिऱ आयेगा,

ग़मों के दौर में दिल मे सब्र रख लिया करो


हर समय पर वक्त एक जैसा नहीं रहता है,

हर बार सूर्य बादलों में छिपा नही रहता है,


ग़मों को देखकर हरपल निराश होने वाले,

कभी-कभी जुगनू से रोशनी ले लिया करो


आज रात है तो कल सवेरा भी उदय होगा,

हर वक्त भी निशा का काजल नहीं रहता है


शोलों से भी शबनम की बरसात होती है,

चलते हुए जीवन में धूप और छाँव होती है


ये हमारे सोचने के ऊपर निर्भर करता है,

अंधेरे चराग़ों से भी उजाले की बात होती है


यूँ दूसरों की खुशियों को देख जला न करो

दूसरों के घर पर हाथी देख रोया न करो,


तुम आज जमीं पे हो कल आसमाँ में होंगे,

दूसरों को सफ़ल देख जी जलाया न करो


अमावस में तुम्हे चाँद की रोशनी दिखेगी,

अंधेरे में खुद को यूँ रोशनी से डराया न करो


बुरा समय है तो हंसकर गुजार लिया करो।


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