STORYMIRROR

Mittal Chudgar Nanavati

Abstract

3  

Mittal Chudgar Nanavati

Abstract

बस आज में सिर्फ आज में जीते हुए हम...!

बस आज में सिर्फ आज में जीते हुए हम...!

1 min
186

मौसम, बादल, बरसात, और हम, 

गुज़रते हुए दिन के साथ गुज़रते हुए हम, 

हालात, जज़्बात,कोशिशें और हम, 

बढती हुए कोशिशों के साथ बढते हुए हम, 

कामयाबी, नाकामयाबी, के साथ जुँमते हुए हम, 

हर एल पल को पुरी तरह जीते हुए हम, 

अतीत और भविष्य को ना सोचते हुए हम, 

बस आज में सिर्फ आज में जीते हुए हम, 

गुज़रते हुए दिन के साथ गुज़रते हुए हम, 

बस आज में सिर्फ आज में जीते हुए हम...!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract