बरसात की वो रात..
बरसात की वो रात..
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
उन बारिश की बूँदों में
छिपती खिलती हैं बीते लम्हों की याद
भीगता तो आँचल है
लेकिन ना जाने कैसे
आँखें नम हो जाती हैं बार बार..
उन बारिश की बूँदों में शायद जो बरसता है
वो है मेरे पहले प्यार का एहसास...
जब भी ये बूँदे करती हैं स्पर्श माटी का दामन
लफ़्ज़ों में पिरो देती हूँ तुम्हें
याद कर हमारा पहला सावन
उस सोंधी-सोंधी खुशबू में शायद जो उमड़ती है
वो मेरे पहले प्यार की महक है ..
तन को छूते ही मन में हलचल सी हो उठती है
उन बारिश की बूँदों में शायद
मेरे पहले प्यार की कसक जो बस्ती है
उन बारिश की बूँदों में जो बरसता है
वो है मेरे पहले प्यार का एहसास
उन बारिश की बूँदों में छिपती खिलती हैं
बीते लम्हों की याद.. पहले प्यार की सौगात..
ना भूलने वाली बरसात की वो रात..