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Anu Mishra

Abstract

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Anu Mishra

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बोल कौन है तू?

बोल कौन है तू?

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इक दिन मैंने खुद से पूछा 

कौन है तू?

इन रिश्तों के बंधन में

क्या है  तेरा वजूद ?

मूरत है तू सहनशक्त्ति की

सूरत तेरी भोली है

प्यार भरा अपार 

ममता कि बौछार

सब लुटाती है तू

दूजो पर यूूँ

पर खाली तेरी झोली है

इसलिए पुुछू तुझसे 

बोल....

कौन है तू?

इन रिश्तों के बंंधन मे

क्या है तेरा वजूद?

पगपग हर पग पर तू

साथ निभाती

डगमग - डगमग कदमो को तू

राह दिखाती 

पर कभी जो तू डगमगाती

साथ किसी का भी न पाती

तभी तो पुछू तुझसे

बोल...

कौन है तू?

इन रिश्तों के बंंधन मे

क्या है तेरा वजूद?


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