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Blogger Akanksha Saxena

Abstract

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बनोगे जिस दिन दूल्हे

बनोगे जिस दिन दूल्हे

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बनेगें जिस दिन आप दूल्हे

वो घड़ी कितनी दिलकश होगी

धड़केगा 'उनका' दिल,

जब बारात की दस्तक होगी ।।

भागेंगी देखने को सब सखियाँ            

                                       

आपकी एक झलक पाने की,

हमारी भी हसरत होगी ।।

बनेगें जिस दिन आप दुल्हे

वो घड़ी कितनी दिलकश होगी

आपके चेहरे की

अलग आभा होगी

आँखों में चमक,

होंठों पे मुस्कॉन होगी ।।

दिल मैं 'उनकी' हसरत

चाल मैं नबाबियत होगी

देखने वाले भी सोचेंगें

राम कहूँ या कृष्ण'

'उन्हें' भी आपको देखने की

बेसब्र चाहत होगी ।।


बनेगें जिस दिन आप दुल्हे

वो घड़ी कितनी दिलकश होगी

आपके संग-साथी कर रहें होंगें

आपसे शरारत भरी बातें,

आज उन्हें चुप कराने की

ऐसी न आपकी हालत होगी ।।

बनेगें जिस दिन आप दुल्हे

वो घड़ी कितनी दिलकश होगी

और भी ज्यादा खुश

शांत महसूस करेंगें

आप ख़ुद को ,


जब मांग में

'उनकी' आप सिंदूर भरेंगे ।।

सात फेरों के बाद ले आयेंगें

एक प्यारी सी परी को।।           

बनेगें जिस दिन आप दुल्हे

वो घड़ी कितनी दिलकश होगी

उनकी आँखों में

सिर्फ़ आपकी सूरत होगी


धड़कनों में बचपन की यादें,

रूह में आपकी इबादत होगी ।।

हम भी बहुत खुश होंगें उस दिन

जब आप अपनी जिंदगी की

नई शुरुआत करेंगें

बनेगें जिस दिन आप दुल्हे

वो घड़ी कितनी मुबारक होगी .......



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