बळीराजा
बळीराजा
यह पर्दे के पीछे देखा गया है ...
आइए खाते हैं ये फटी हुई रोटी...
उन्होंने कड़ी मेहनत...
आज रात पसीने के मैदान में ...
कैसी है ये ज़िन्दगी ज़िंदगी की राह में.....
पका हुआ पानी नहीं
आइए इसका अभ्यास करें
बच्चों की पढ़ाई के लिए
चलिए चलते हैं...
हाथ से मुँह तक घास
सरकार ने वह बीज ले लिया
खेत आया
बिगड़ा हुआ.....
चलो इस रात को बुलाओ
हल.....
जीव शिव की जोड़ी
साथी को।
यह अब हो गया है, लाही लाही
अब सब कुछ जल चुका है...
अब समय आ गया है...
लड़ाई के खिलाफ अन्याय...
भले ही तुम मर जाओ,
अब वापस नहीं जाना है...
चलो अब हक के लिए लड़ते हैं...
जीवन या जीवन...
कैसी है ये ज़िंदगी...
कंधा नहीं रहा
ताकत...
जीवन अब चला गया है
राब्ता राब्ता आरएम....
दुनिया भूखी है
चलो सो जाते हैं
सरकार को अब जाग जाना चाहिए...
कैसे फंस गया...
राजनीति में...
अब जीवन समाप्त कर रहे हैं
लवाया जीवा हुरहुर...
अभी वॉल्यूम बढ़ाएं
बलीराजा का राज्य आए...