STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बीती रात कमल दल फुले

बीती रात कमल दल फुले

1 min
793


बीती रात ही कमल दल फूले है

मन से हम भी उसे नही भूले है

रात आती है,सितारो की चुनर ओढ़कर,

हम तो तेरी याद में उजाले को भी भूले है,


इश्क़ में खो जाता है भँवरा इस कदर,

हंसते हंसते वो तो फांसी पर झूले है

खिलते है जैसे फूल,

वैसे तू न जाना भूल,


तेरे लिए दिल पर चुभोई हज़ारों शुले है

बीती रात ही कमल दल फुले है

ये खिलती हुई कमल पंखुड़िया,

दिल को देती अपार हर्ष की बूंदे है


ये कमल दल,दिल को देते है बहुत बल,

डरो मत ,डटकर सामना करो,

मुश्किलो में ही तो उठते है,

शेरों के बुलबुले है

ये सीख मिली है,कमल दल हमको तुझसे,

कीचड़ से भी कभी कभी निकल आते है,

बहादुरों के गुलगुले है

दिल से विजय


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational