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Aradhana Kanchan

Abstract

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Aradhana Kanchan

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भूल जाना सीख लो

भूल जाना सीख लो

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खुश रहना है तो भूल जाना सीख लो

हंसना सीखना है तो अकड़ भुलाना सीख लो।


संतोष चाहिए तो शिकायतें भुलाना सीख लो

दुख मिटाना है तो पुराने घाव भुलाना सीख लो।


भूत भुला के वर्तमान में जीना सीख लो

कभी तारीफ पानी है तो पुरानी

आलोचना भुलाना सीख लो।


आदर पाना है तो दूसरों की कमियां

भुला फर्ज निभाने सीख लो

अपनापन चाहिए तो दूसरों की

कभी की गई बेरुखी भुलाना सीख लो।


शांति चाहिए तो अंतर्मन की

उथल पुथल भुलाना सीख लो

खुश रहना है तो भूल जाना सीख लो।


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