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Suvesh Shukla 'CHANDRA'

Tragedy

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Suvesh Shukla 'CHANDRA'

Tragedy

भरोसा

भरोसा

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मुझे हमेशा से जरूरत थी एक साथी की

पर मैं हमेशा से अकेला रहा

साथ देने का वादा सबने किया

मुसीबत मे मैं हमेशा से अकेला रहा।


बड़ी तकलीफ़ होती है 

जब साथी साथ ना दे तो

डूब रहे हो और कोई हाथ ना दे तो।


दर्द ना डूबने का होता है

ना ही हार जाने का

तकलीफ़ होती है

जब भरोसा दिला कर कोई 

भरोसा तोड़ जाता है।


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