STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

4  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

भोले की शरण

भोले की शरण

1 min
478

मेरे प्यारे प्रभु भोले भंडारी

यह जग है,तलवार दुधारी

आया हूं,नाथ शरण तुम्हारी

अब राखो प्रभु लाज हमारी


तुम सा कोई न प्रभु खिलाड़ी

मेरे मूर्ख हूं,एक नर अनाड़ी

प्रभु सुन लो विनती हमारी

दरिया में बनो पतवार हमारी


हे भोलेनाथ,हे शंभु,हे त्रिपुरारी

आप ही हो प्रभु जगत संहारी

हमने सौंप दी,जिंदगी हमारी

जैसे रखो रहेंगे,हम नर-नारी


आया है,साखी शरण तिहारी

दो भोले पावन भक्ति तिहारी

कलियुग औकात नही भारी

जो तोड़े सके नैया हमारी


भोले के हाथ डोर हमारी

कालो के काल महाकाल ने,

ब्रह्मांड की रची किलकारी

जय हो,तेरी भोले भंडारी


वो कर दो,भोले दशा हमारी

भूलूँ जग,तुझे याद करूँ हरपल

भोले बन जाओ आप कटारी

यह जग है,तलवार दुधारी


बन जाओ,भोले मेरी पतवारी

करो भव पार, भोले भंडारी

मैं आया भोले, शरण तुम्हारी

तुझे ही पूजे, यह दुनिया सारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational