saloni sethiya
Abstract
खाने के स्वाद को बढ़ाते हैं तीखा और नमकीन
स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद है तीखा और नमकीन
बिना इनके खाने का स्वाद नहीं
इसलिए तो खाने में मिलाते हैं तीखा और नमकीन।
रक्षा का बंधन
नारी शिक्षा
नजारा 2020
अपने सपने बुन...
माँ का आंचल
माँ
गरीबी
तन्हाई
3 बंदर
ध्वनि प्रदूषण
बस ! इसी भ्रम के सहारे तुम्हारी खुशियों के लिए दुआएं करता हूं। बस ! इसी भ्रम के सहारे तुम्हारी खुशियों के लिए दुआएं करता हूं।
पहाड़ों के चोटी पर हमेशा मंडराते रहते हैं दीवाने बादल पहाड़ों के चोटी पर हमेशा मंडराते रहते हैं दीवाने बादल
क्योंकि जो है मेरा उसके साथ रिश्ता वह कभी नही है नही था, इतना सस्ता... क्योंकि जो है मेरा उसके साथ रिश्ता वह कभी नही है नही था, इतना सस्ता...
बिना शिक्षा नहीं पा सकोगे, नौकरी सरकारी तुम।। होकर शिक्षित देश- समाज, विश्व में रोशन क बिना शिक्षा नहीं पा सकोगे, नौकरी सरकारी तुम।। होकर शिक्षित देश- समाज, विश्व म...
मेरी दादी सबसे प्यारी उनकी हर बात थी निराली। मेरी दादी सबसे प्यारी उनकी हर बात थी निराली।
सुखी नर-तन करे, तन रोग सब हरे, वैद्यनाथ भूतपति, पीड़ा नशते हैं। सुखी नर-तन करे, तन रोग सब हरे, वैद्यनाथ भूतपति, पीड़ा नशते हैं।
आज दिन भी चुपचाप सर झुकाए हुए हैं ! आज दिन भी चुपचाप सर झुकाए हुए हैं !
या अल्लाह हम तो किसी और घर में आ गये। या अल्लाह हम तो किसी और घर में आ गये।
देख मेरा तू यह लहू, मेरी धड़कन है सिर्फ़ तू। देख मेरा तू यह लहू, मेरी धड़कन है सिर्फ़ तू।
ये अपने जीवन की गुहार लगाई किसने ? ये अपने जीवन की गुहार लगाई किसने ?
नहीं तो ऐसा ही कहर ढाहेगी प्रकृति, जिसकी मार झेलगा हर इंसान। नहीं तो ऐसा ही कहर ढाहेगी प्रकृति, जिसकी मार झेलगा हर इंसान।
दूसरी ओर बच्चा अपनी माँ को दुनिया की हर खुशी देने के लिये सपना देखता है दूसरी ओर बच्चा अपनी माँ को दुनिया की हर खुशी देने के लिये सपना देखता है
बूंद बूंद से घड़ा भर जाए इक इक बूँद का महत्व बड़ा है। बूंद बूंद से घड़ा भर जाए इक इक बूँद का महत्व बड़ा है।
जिंदगी तू कितनी व्यस्त है कि, अपने आप के लिए भी वक्त नहीं। जिंदगी तू कितनी व्यस्त है कि, अपने आप के लिए भी वक्त नहीं।
देख कैसे है खड़े सब स्वार्थ का झोला लिये आज बेकल उठ चला मन दौड़ने को। देख कैसे है खड़े सब स्वार्थ का झोला लिये आज बेकल उठ चला मन दौड़ने को।
जिनके साथ हम सच्चे रिश्ते निभाते है, उनको हमारी कद्र क्यों नहीं।। जिनके साथ हम सच्चे रिश्ते निभाते है, उनको हमारी कद्र क्यों नहीं।।
माता- पिता बच्चे को प्यार देते हैं गुरु जीवन संवार देते हैंं। माता- पिता बच्चे को प्यार देते हैं गुरु जीवन संवार देते हैंं।
अज्ञानता के भरे हुए घावों को भरती है आशा के ज्ञान से जीवन में रंग भरती है। अज्ञानता के भरे हुए घावों को भरती है आशा के ज्ञान से जीवन में रंग भरती है।
बीते जहाँ उम्र के कुछ ही वर्ष मिला ज्ञान आत्मविश्वास अपार हर्ष। बीते जहाँ उम्र के कुछ ही वर्ष मिला ज्ञान आत्मविश्वास अपार हर्ष।
मत छेड़ो उस गुलाब को , कांटो से भरा रहता है वो। मत छेड़ो उस गुलाब को , कांटो से भरा रहता है वो।