भीतर
भीतर




सबसे बड़ा
प्रदुषण मन में
भीतर झाँको!
कब खुद का
निर्मल अभ्यंतर
आज बताओ,
और तनिक
खुद को बढकर
पापी ले आओ,
निर्विकार हो
भीतर से पहले
हर साधक,
श्रद्धपूर्वक
परमपुरुष को
मन में टांको!
सबसे बड़ा
प्रदुषण मन में
भीतर झाँको!
कब खुद का
निर्मल अभ्यंतर
आज बताओ,
और तनिक
खुद को बढकर
पापी ले आओ,
निर्विकार हो
भीतर से पहले
हर साधक,
श्रद्धपूर्वक
परमपुरुष को
मन में टांको!