भीगने का इशारा किया तूने ,
देख कैसे भीग गए हम ,
बरसात का तो बहाना था ,
देख कैसे जीत गए हम |
मरने से अब भी डरते नहीं ,
तू अब भी डरता है सनम ,
तेरे इस भोलेपन पर ही ,
देख कैसे रीझ गए हम |
आज दिल ने तुझे याद किया ,
तेरे अक्स का दीदार किया ,
उन दो पलों के सुकून से ही ,
देख कैसे रीत गए हम |
होठों पर मुस्कान झलकी ,
तेरे आने से मेरी आन ढलकी ,
तेरे सामने शब्दों को कहकर ,
लबों को कैसे भींच गए हम |
एक प्यास दिल में जगाकार ,
तुझे मन ही मन अपना बनाकर ,
तेरे नाम की माला फिराकर ,
अँखियों को कैसे मीच गए हम |
भीगने का इशारा किया तूने ,
देख कैसे भीग गए हम ,
बरसात का तो बहाना था ,
देख कैसे जीत गए हम ||